उत्तराखण्ड गठन के पश्चात
से ही उत्तराखण्ड सरकार
राज्य के तेरह जनपदों में
विभिन्न धर्माें और
समुदायों के सामाजिक,
शैक्षणिक, सांस्कृतिक और
आर्थिक उन्नयन के लिए सतत्
प्रयत्नशील है। राज्य के
अल्पसंख्यक वर्गांे के
हितों की रक्षा के लिए
सरकार ने दिनाक 27 मई
2003 को उत्तराखण्ड
अल्पसंख्यक आयोग का गठन
किया। जिसमें एक अध्यक्ष,
एक उपाध्यक्ष एवं नौ
सदस्यों के पद सृजित है। विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग उत्तराखंड शासन की नवीन अधिसूचना संख्या 102/XXXVI(3)/2014/12(1)/2014 देहरादून 04 मार्च 2014 के द्वारा आयोग मे एक अध्यक्षए दो उपाध्यक्ष एवं नौ सदस्यगण प्राविधानित किये गये है।
उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक
आयोग ने 29 सितम्बर 2003
को कार्य करना प्रारम्भ
कर दिया। मा0 आयोग अपने
गठन के पश्चात से ही
अल्पसंख्यक वर्ग के
व्यक्तियों के लिए सतत्
प्रयत्नशील रहा है। अपने
अल्पकालिक कार्यकाल में
आयोग ने अल्पसंख्यकों के
कल्याण एवं हितों की रक्षा
के लिए पूर्ण कटिबद्वता
से कार्य किया है, तथा
समय-2 पर राज्य सरकार से
स्वार्गीण विकास के हित
में मा0 आयोग द्वारा
सिफारिश की गयी है, जिसमें
आयोग की सिफारिशों को
राज्य सरकार द्वारा सहमति
प्रदान करते हुए आदेश
निर्गत किये गये है।
वार्षिक आय बढ़ायें
स्वरोजगार के लिए जहां शहरी क्षेत्र में एक लाख तीन हजार रूपये वार्षिक आय और ग्रामीण क्षेत्र में इक्कासी हजार रूपये वार्षिक आय का प्राविधान है, जो बहुत ही कम है। इसलिए कई लोग आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए गलत तरीका अपनाते है। अतः इस वार्षिक आय को बढ़ाया जाय।
कब्रिस्तानों के लिए धनराशि
हाल ही में 25 करोड़ रूपये की धनराशि राज्य के समस्त कब्रिस्तानों की चार दीवारी के लिए स्वीकृत की गयी है, जिसमें जनपदों से प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार ही धनराशि का आवंटन किया जायेगा। हमारा निवेदन है कि कब्रिस्तानों के लिए धनराशि को बढ़ाया जाय।
मदरसा बोर्ड एक्ट
राज्य में मदरसा बोर्ड और वक्फ बोर्ड को प्रभावशाली बनाने के लिए मा0 मुख्यमंत्री जी प्रयत्नशील है। हम सबने अनुरोध किया है कि मदरसा बोर्ड एक्ट, नियमावली जल्द ही बनायी जाये, क्योंकि इसे विधान-सभा से पारित करने में समय लगेगा, इसलिए आप इसे आर्डिनेस द्वारा लागू कराने का कष्ट करें। अतः एक काबिल व्यक्ति की अध्यक्षता में बोर्ड का गठन करने का कष्ट करें।
उतराखण्ड लोक सेवा आयोग/अधीनस्थ चयन सेवा आयोग
उत्तराखण्ड राज्य को बने हुए 15 वर्ष हो चुके है और वर्तमान समय में यहां पर अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 16 प्रतिशत है। मैंने पहले भी उतराखण्ड लोक सेवा आयोग और उतराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्ति को प्रतिनिधित्व दिये जाने के लिए अनुरोध किया है। 15 वर्षो में अल्पसंख्यक वर्ग के किसी व्यक्ति को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है।
कालसी शिलालेख
जनपद देहरादून अंतर्गत कालसी में स्थित अशोक शिलालेख जो सम्राट अशोक द्वारा बौद्व धर्म ग्रहण करने के पश्चात स्थापित किया गया था। इस शिलालेख को हम विकसित नहीं कर पाये। हमारा निवेदन है कि इस शिलालेख को पर्यटन विभाग से मान्यता दिलाई जाय एवं बुद्वा सर्किट से जोड़ने के लिए केन्द्रीय पर्यटन विभाग से जोड़ दिया जाय, इससे यहां का समाज आभारी होगा एवं पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
जैसा कि राज्य सरकार द्वारा चार जनपदों देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर एवं नैनीताल में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की नियुक्ति की गयी है। उसी प्रकार चार और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों की नियुक्ति की जाय, जिनके पास 2 या 3 जनपद का कार्य दिया जाय। जिससे पूरे राज्य में अल्पसंख्यकों के कार्यो का निपटारा जनपद स्तर पर भी हो सके।
जनपद पौड़ी (चमोली व रूद्रप्रयाग भी सम्मिलित), टिहरी (उतरकाशी भी सम्मिलित) एवं जनपद अल्मोड़ा (बागेश्वर भी सम्मिलित) तथा चम्पावत (पिथौरागढ़ भी सम्मिलित) में जिला अल्पसंख्यक के कल्याण के कार्यालय के स्थापना हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में की जाय। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी की भांति हो।
जनपदवार अल्पसंख्यकों के जनसंख्या आंकडे 2011 के अनुसार
| जनपद |
कुल जनसंख्या |
अल्पसंख्यक |
विवरण |
पौड़ी
चमोली
रूद्रप्रयाग |
687271
391605
242285 |
25981
5347
1708 |
एक अधिकारी
तीन जनपद |
टिहरी
उतरकाशी |
618931
330086 |
8433
4711 |
एक अधिकारी
दो जनपद
|
अल्मोड़ा
बागेश्वर |
622506
259898 |
10135
1992 |
एक अधिकारी
दो जनपद
|
चम्पावत
पिथौरागढ़ |
259648
483439 |
9951
7874 |
एक अधिकारी
दो जनपद
|